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Showing posts from July, 2013

उसकी आँखों की सुर्खियाँ

उसकी आँखों की सुर्खियाँ दे रहीं हैं पता, की रात उसने भी जाग कर गुजारी होगी,, बिस्तर की सिलवटें बयाँ कर रही हैं दास्ताँ, के जुदाई की पहली रात उसपर किस क़दर भारी होगी,, अब कौन करता होगा तेरे हुस्न की तारीफ़, हमारे बाद उलझी हुयी ज़ुल्फ़ किसने संवारी होगी,, तूने अपना समझ के इक बार माँगा तो होता, जान की कसम क्या जान हमे जान से प्यारी होती,, मंजिल तो दूर न थी मगर हौसले कायम न रख सके 'रवि', शायद कहीं मैं थक गया, कहीं उसने भी हिम्मत हारी होगी..!!

21वीं सदी का बीमार इंसान

जो इंसानियत को तड़पते देखकर भी, मुंह फेर लेता है,, उस पर मेरे दोस्त, किसी दावा का असर कहाँ होता है..!! ऐसे इंसानों के लिए बस यही कहना चाहूँगा मित्रों,, कि, "दूसरों के ग़मों को देखकर, जो मंद-मंद मुस्काता है,, कुछ न कुछ रोज़.. उसके जिस्म में मर जाता है.. इतनी हैवानियत भर ली है, उसने अपने अन्दर,, के अब आइना भी उसे देखता है, तो डर जाता है..!!" #VicharonKiUdan By-Doc Ravi